एन.एल.पी. क्या है? (मॉडलिंग के परिप्रेक्ष्य से) पार्ट ३
स्टोरी ऑफ़ मिल्टन मॉडल:
मेटा मॉडल के बाद एन.एल.पी. में दूसरा मॉडल बना ‘मिल्टन मॉडल’, जो मिल्टन इरिक्सन के हिप्नोटिक लैंग्वेज पॅर्टन्स पर आधारित था । मिल्टन इरिक्सन, अमेरीकन सायकियाट्रिस्ट और सायकोलॉजिस्ट थे । बचपन में इरिक्सन को पोलियो हुआ था, जिस से वह गंभीर रूप से लकवाग्रस्त हो चुके थे । उनकी यह हालत देखकर डॉक्टर्स को यकीन हो चुका था कि जल्दी ही उनकी मृत्यु हो जाएगी ।
यदि आप इस ब्लॉग सीरीज का पहला ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं, तो यहाँ क्लिक करें ।
If you want to read the same article in English, please click here.
एक रात जब उनकी तबियत बहुत ज्यादा खराब थी, उन्हें स्वसंमोहन या ऑटो हिप्नोसिस का अनुभव हुआ । उस अनुभव के बारे में इरिक्सन कहते हैं, “मैं उस समय बिस्तर में पड़ा था । तीन डॉक्टर्स मेरी माँ के साथ कुछ बातें कर रहे थे, उन्हें भी में सुन सकता था । डॉक्टर्स ने मेरी माँ से कहा कि यह लड़का सुबह तक मर जाएगा ।” यह सुनने के बाद मुझे बड़ा गुस्सा आया । कैसे कोई मेरी माँ को कह सकता है कि उसका लड़का सुबह तक मर जाएगा । उसके बाद मेरी माँ मेरे नजदीक आई, तब मैंने उसे अलमारी को थोड़ा घुमाने के लिए कहा, क्योंकि आलमारी को घुमाने के बाद आलमारी का आईना एक ऐसे कोन में आ चुका था, जहाँ से मुझे आँगन दिखाई दे रहा था । मुझे अपनी ज़िन्दगी का आखरी सूर्यास्त देखना था ...
मेरी नजरे सिर्फ सूर्यास्त को देख रही थी और आंगन में पड़ी बाकी चीजें देखना, मैंने बंद कर दिया था । मैंने पूरा सूर्यास्त देखा और बाद में मैं बेहोश हो गया ।’
इरिक्सन की माने तो उस सूर्यास्त को देखते हुए स्वसंमोहन या ऑटो हिप्नोसिस पैदा हुआ था, इस पर इरिक्सन कहते हैं, “हमारा अनकॉनशस माइंड या अचेतन मन रचनात्मक होता है और समाधान निर्मित करने का प्रयास करता है ।” इसी मूलभूत सिध्दांत पर मिल्टन मॉडल निर्मित हुआ । इरिक्सन को संमोहन या हिप्नोसिसस के बेहद गहन अनुभव हुए थे और यही वह कारण था, जिसके चलते इरिक्सन को हिप्नोसिस में महारत हासिल हुई ।
इरिक्सन क्लायंट के साथ इस प्रकार से बाते करता था कि क्लाइंट का चेतन मन रुक जाता था और इरिक्सन द्वारा दी गयी सूचनाएँ क्लाइंट के अवचेतन मन में स्थिर हो जाती थी । जैसे ही सूचनाएँ क्लाइंट के अवचेतन मन में स्थिर हुई, वैसे ही क्लाइंट की ज़िन्दगी में बदलाव होने लगता था । इरिक्सन जिस प्रकार से बातें करता था और क्लाइंट की ज़िन्दगी में बदलाहट हो जाती थी, उन लैंग्वेज पैटर्न्स को एन.एल.पी. को-कियेटर्स ने इकठ्ठा कर मिल्टन मॉडल बनाया, जो एन.एल.पी. की एक महत्वपूर्ण नींव साबित हुआ ।
इस प्रकार से एन.एल.पी. की शुरुवात मॉडलिंग से हुई । मेटा मॉडल के जरिये व्हरजिनीया सटायर और फ्रिटस् पर्ल दोनों की प्रतिभा का मॉडलिंग किया गया और मिल्टन मॉडल के जरिये मिल्टन इरिक्सन के जादू को मॉडल किया गया, जिससे कोई भी इंसान इन दो मॉडल के अभ्यास के बाद, उनके जैसे परिणामों को निर्मित कर सकता है । इस तरह प्रतिभावान लोगों की मॉडलिंग के जरिये एन.एल.पी. ने ढेर सारे सक्सेस पैटर्न्स या टूल्स् विकसित किये । अलग अलग क्षेत्र के जीनियस को मॉडल किया गया और लगभग हर व्यावसायिक क्षेत्र में मॉडलिंग के सक्सेस पैटर्न्स विकसित किये गये ।
इस मॉडलिंग प्रक्रिया को आधार बनाते हुए एन.एल.पी. के जरिये कुछ मुख्य कौशल सीखना और बेहतर परिणाम अर्जित करना बेहद आसान हुआ । कुछ ऐसे क्षेत्र, जिन्हें एन.एल.पी. ने मॉडलिंग के जरिये पूरी तरह से परिवर्तित कर दिया । जैसे कि,
अंत में एन.एल.पी. के सक्सेस मॉडलिंग के संदर्भ में तीन महत्वपूर्ण बातें, जिन्हें जानना जरूरी है ...
१. जब किसी जीनियस की मॉडलिंग होती है, तो वह कभी भी सम्पूर्ण नहीं हो सकती, क्योंकि मॉडलिंग करते समय कुछ चीजें डिलीट, डिस्टोर्ट और जनरलाईज हो जाती हैं ।
२. मॉडलिंग परिणाम केंद्रीत होना जरूरी है । जिसकी मॉडलिंग की जा रही है, वह जीनियस जो परिणाम अर्जित कर रहा है, अगर उसी श्रेणी में परिणाम अर्जित हो रहे हैं, तो ही मॉडलिंग सही दिशा में हो रही है, ऐसा हम मान सकते हैं ।
३. मॉडलिंग के जरिये हम किसी जीनियस का क्लोन नहीं बना रहे हैं, उलटा मॉडलिंग से जीनियस की जो कमजोरियाँ या मर्यादाएँ हैं, उन्हें किनारे रखते हुए आगे बढ़ा जा सकता है ।
एन.एल.पी. में जब किसी जीनियस की मॉडलिंग की जाती है, तो कुछ सवालों के जवाब सटीकता से ढूंढे जाते हैं, जैसे कि ...
१. दिमागी प्रक्रियाएँ - जब कौशल का प्रदर्शन हो रहा है, तब जीनियस के दिमाग में क्या घट रहा है?
२. धारणाएँ - उस कौशल के संदर्भ में और उससे जुड़ें दूसरे महत्वपूर्ण पहलुओं के संदर्भ में, जीनियस की धारणाएँ क्या है?
३. वेल्यु या मूल्य - कौन सी ऐसी वेल्यु या मूल्य है, जो जीनियस की ज़िन्दगी का सबसे अहम हिस्सा है?
४. शरीर की अवस्था या फिझीयोलॉजी - जब कौशल का प्रदर्शन हो रहा है, तब जीनियस के शरीर की अवस्था (bodily posture) किस प्रकार है?
५. बाह्य व्यवहार - क्या किसी महत्वपूर्ण बाह्य व्यवहार पर फोकस करना जरूरी है?
६. संदर्भ या कॉन्टेक्स्ट - किस संदर्भ या कॉन्टेक्स्ट में मॉडलिंग करनी है?
सक्सेस मॉडलिंग के इन पहलुओं के संबंध में अगले ब्लॉग में चर्चा करेंगे ।
आशा करता हूँ कि यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । चलो तो फिर मिलते हैं अगले ब्लॉग में, तब तक के लिए ...
एन्जॉय योर लाइफ एंड लिव विथ पैशन !
Mranal Gupta
NLP Master Trainer, Clinical Hypnotherapist, Director of IBHNLP
एन.एल.पी. के बारे में मास्टर ट्रेनर णाल गुप्ता द्वारा अलग-अलग पहलुओं से लिखे ब्लॉग्स पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक कीजिए ।
Summary:
What is Success Modelling in NLP? This blog explains how can we model the excellence of an individual. What are the limitations & precautions? How can we make the modelling process exact & result oriented? NLP is understanding the structure underlying beneath every emotion, thought pattern, behavioural pattern or the feeling. Once we understand that structure, we can reprogram the brain for the desired outcome. Get out of negative patterns, negative beliefs very easily.
In NLP Practitioner, NLP Coach, Hypnosis Practitioner & Life Coach Certification Course we precisely learn how our brain functions. How thoughts are framed? What is their structure of our thoughts?
In 6 Days intensive NLP Practitioner, NLP Coach, Hypnosis Practitioner & Life Coach Certification Workshop in Pune, Ahmedabad, Delhi, Mumbai, Bangalore, we learn the secrets of personal & professional transformation. People from all walks of life get benefited through NLP, Hypnosis & Life Coaching. Teachers, Trainers, Manager, Business Heads, CEOs, CFOs, Students even housewives attend the NLP Workshop & feel the drastic change in their life. This Course exclusively covers all the major aspects of NLP, Hypnosis & Life Coaching. Now get the best NLP Training in India at the affordable rates. Participants of NLP Practitioner Course anywhere in India also get Free Training & Certification in Hypnosis & Life Coaching. Hurry Up! Don’t miss the opportunity to get trained in NLP by the best NLP Master Trainer & Life Coach in India. Learn NLP in Hindi as well as in English. All course content is provided in Hindi as well as in English. Learning NLP in Hindi will be of great help if your mother tongue is Hindi or your client is using Hindi as his/her mother tongue.