एन.एल.पी. क्या है? (मॉडलिंग के परिप्रेक्ष्य से) पार्ट १
जुनून एक आग होती है, जो सपनों के दिये को जलाए रखती है । जुनून एक ऊर्जामय उत्साह और तीव्रता होती है, कुछ पाने की, जीने की, आगे बढ़ने की, बुलंदियों को छूने की । जुनून ही वह भावना है जो असंभव को संभव कर सकती है । जुनून जब उस बिंदु तक पहुँच जाता है जहाँ से सपने साकार हो सकते हैं तब जादू होने लगता है । ज़िन्दगी पल भर में परिवर्तित हो जाती है । लक्ष्य की प्राप्ति सहज प्रतीत होने लगती है । हम उन सकारात्मक और ताकतवर भावनाओं से घिर जाते हैं, जो किसी भी सपने को वास्तविक बनाने के लिए आवश्यक होती है । जुनून ही वह गुण है, जो इंसान को सफलताओं की चोटी तक पहुँचाता है ।
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ऐसे ही एक जुनून से भरे, पागलपन की हद तक अपने सपने से प्यार करने वाले, सपने को साकार करने के लिए किसी भी हद तक जाने वाले, के.आसिफ का जीवन हमें जुनून के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है । स्वयं के सपने के प्रति संपूर्ण निष्ठा, पूरी ऊर्जा के साथ काम करने का जज्बा, जुनून के साथ लगातार सपने का पीछा, यही वे कुछ जादुई गुण हैं, जो के.आसिफ को सफल बनाते हैं । के.आसिफ ने डायरेक्टर के तौर पर महज दो फिल्में बनायी, जिन में से पहली तो कुछ खास चली नहीं, पर दूसरी ने इतिहास रच दिया और ऐसा इतिहास रचा कि आज भी लोग उस फिल्म के दीवाने हैं । जब १९६० में फिल्म रिलीज हुई, तब उसने बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड तोड़ कर दिए, लोग महिनों टिकट खिड़की के सामने लाइन में खड़े रहे थे और बॉक्स ऑफिस पर इतने पैसों की बरसात हुई कि अगले १५ वर्षों तक यह रिकॉर्ड बरकरार रहा तथा वर्ष के आखिर में फिल्म ने पुरस्कारों की झड़ी लगा दी । उस सदाबहार ऐतिहासिक फिल्म का नाम था ‘मुग़ल-ए-आज़म’ । ‘मुग़ल-ए-आज़म’ सिर्फ एक फिल्म ही नहीं थी, एक सपना था जिसके लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया था, एक सपना था जिसके लिए हद से ज्यादा मेहनत की गयी थी, एक सपना था जिसका जुनून के.आसिफ के सिर पर सवार था ।
‘मुग़ल-ए-आज़म’ बनाने के लिए लगभग १४ वर्ष लगे । एक ही सपना जिसका पीछा १४ वर्ष तक लगातार के.आसिफ ने किया । सब्र और सहनशीलता के कई इम्तिहान हुए । इन १४ वर्षों में अनगिनत समस्याओं से जूझना पड़ा, समस्याओं की श्रृंखला ही निकल पड़ी थी, पर फिर भी के.आसिफ अडिग बने रहे । लगातार लगन और जुनून के साथ अपना काम करते रहे ।
के.आसिफ ने जुनून के साथ १४ वर्षों तक अपने सपने का पीछा किया, पर क्या हम उस जुनून को सीख सकते हैं? क्या हम उस जुनून को खुद के जीवन में उतार सकते हैं? क्या हम उस जुनून का अभ्यास कर सकते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को हम पूरा कर सकें?
आपको भी पता है, कहानी सुनने से अधिक से अधिक एक या दो दिन के लिए मोटिवेशन मिल जाएगा पर जब तक हमें यह पता नहीं चलता कि हर दिन उस जुनून को खुद के जीवन में किस तरह से उतारा जाए, तब तक जीवन परिवर्तन नहीं होगा । जो इंसान केवल दो दिन अपने सपने के ऊपर काम करता है और तीसरे दिन उसे छोड़ देता है, तो उसमें और के.आसिफ एक बुनियादी फर्क है ।
के.आसिफ अपने दिमाग का और शरीर का इस्तेमाल कुछ इस तरह से करते थे, जिससे इस जुनून की मानसिकता निर्मित होती थी । वह अपने दिमाग में ऐसा कुछ करते थे, जिससे जुनून बनता था और इसके लिए वो क्या करते थे, शायद इसका हमें पता नहीं है । अगर हमें यह पता चल जाए कि किस तरह से के.आसिफ अपने दिमाग का इस्तेमाल करते थे और जब जुनून निर्मित हुआ तब उनके दिमाग में क्या हो रहा था, तो शायद हम भी उस जुनून को सीख सकते हैं और उस जुनून को अपने जीवन में निर्मित कर सकते हैं और शुरू-शुरू में असंभव लगने वाले सपने को भी संभव कर सकते हैं ।
जी हाँ, यहाँ पर एन.एल.पी. हमें मदद करता हैं । एन.एल.पी. हमें समझाता है कि अगर कोई भी भावना हमारे भीतर उभर रही है, तो उसका एक दिमागी और शारीरिक स्ट्रक्चर होता है । जैसे ही हमें उस स्ट्रक्चर पता चल जाता है, हम उसे सीख सकते हैं और उसे सिखा भी सकते हैं । इसीलिए एन.एल.पी. अलग है, ताकतवर है और जल्द परिणाम निर्मित करता है । पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के फंडों से आगे चलकर खुद के दिमाग में किस तरीके से सकारात्मक परिवर्तन लाया जाए यह हमें एन.एल.पी. सिखाता है । संक्षेप में, सफल लोगों के दिमागी स्ट्रक्चर को जानकर, उसे एक विशिष्ट फॉर्मेट में डालकर, सीखने के लिए आसान बनाने की प्रोसेस को एन.एल.पी. में ‘सक्सेस मॉडलिंग’ कहा जाता है ।
एन.एल.पी. में हम अपने व्यक्तिगत या सबजेक्टीव अनुभवों का अभ्यास करते हैं, ऐसे अनुभव जिनसे हम इस दुनिया को या किसी घटना को खुद के दिमाग में अनुभव करते हैं । हमारे मानसपटल पर जो कुछ घटता है, या हमारे दिमाग में जो कुछ हम अनुभव करते हैं (हमारा अंतरजगत - हमारी भावनाएँ, हमारे अनुभव, हमारी स्मृतियाँ, घटनाओं को हम ने दिए हुए अर्थ, हमारी वास्तविकता इ.) इसका अभ्यास एन.एल.पी. में होता है । इस से सफल लोग जिस जुनून का, आत्मविश्वास का, लक्ष्यों के ऊपर प्यार का, जो अनुभव करते हैं, उस अनुभव के दिमागी और शारीरिक स्ट्रक्चर को ढूंढ कर, हम उन्हें सीख सकते हैं, जिससे हम उन सफल लोगों जैसा परिणाम निर्मित करने में सक्षम बन सके ।
सक्सेस मॉडलिंग के संदर्भ में चर्चा हम अगले ब्लॉग में करेंगे ।
आशा करता हूँ कि यह ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । चलो तो फिर मिलते हैं अगले ब्लॉग में, तब तक के लिए ...
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Mranal Gupta
NLP Master Trainer, Clinical Hypnotherapist, Director of IBHNLP
एन.एल.पी. के बारे में मास्टर ट्रेनर मृणाल गुप्ता द्वारा अलग-अलग पहलुओं से लिखे ब्लॉग्स पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक्स पर क्लिक कीजिए ।
Summary:
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